यूसर्क द्वारा उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों हेतु एक सप्ताह के पर्यावरण प्रौद्योगिकी (Environmental Technology ) विषयक हैंड्स ऑन प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ – 10- 15 July 2023

उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा अनुसंधान केंद्र देहरादून (यूसर्क) द्वारा दिनांक 10 जुलाई 2023 को एनवायरमेंटल टेक्नोलॉजी विषय पर एक सप्ताह का प्रशिक्षण कार्यक्रम यूसर्क सभागार में प्रारंभ किया गया।

इस अवसर पर यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अनीता रावत ने अपने उद्बोधन में कहा कि सस्टेनेबिलिटी और इंक्लूसिव डेवलपमेंट में पर्यावरण विषय मुख्य रूप से केंद्रित रहता है जिसके ज्ञान को आज हमारे शिक्षण संस्थानों में प्रभावी रूप से प्रसारित करने की आवश्यकता है । पर्यावरण विषय पर प्रशिक्षित युवा अपने कौशल विकास के साथ अपने करियर को अच्छा बना सकते हैं साथ ही साथ अपने पर्यावरण के संरक्षण के लिए भी कार्य कर सकते हैं। इससे पूर्व कार्यक्रम समन्वयक वैज्ञानिक डॉ भवतोष शर्मा ने उपस्थित सभी लोगों का स्वागत करते हुए बताया कि इस साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में उत्तराखंड राज्य के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों के स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के चयनित 15 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।

वैज्ञानिक डॉ ओम प्रकाश नौटियाल ने यूसर्क की वैज्ञानिक गतिविधियों पर विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि यूसर्क द्वारा राज्य के दूरस्थ जनपदों में अवस्थित विभिन्न शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों के लिए भिन्न भिन्न प्रकार के वैज्ञानिक कार्यक्रम लगातार संचालित किए जा रहे हैं। स्टेम प्रयोगशालाओं की स्थापना तथा विज्ञान चेतना केंद्रों की स्थापना के द्वारा विद्यार्थियों को विभिन्न वैज्ञानिक सिद्धांतों को प्रयोगात्मक रूप से सीखने का अवसर प्रदान किया जा रहा है।

वैज्ञानिक डॉ मंजू सुंदरियाल ने अपने व्याख्यान में “एक संतुलित पर्यावरण का पारिस्थितिकी तंत्र एवं उसके घटकों के परस्पर आपसी संबंध एवं क्रिया प्रणाली” विषय पर विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि पारिस्थितिकी तंत्र का मानव जीवन पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है।

वैज्ञानिक डॉ भवतोष शर्मा ने “देश के जल संसाधन एवं भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार जल नमूना एकत्रीकरण (Water Sample collection, Preservation) तथा जल गुणवत्ता विश्लेषण (Water Quality Analysis) के प्रोटोकॉल और विधियां” विषय पर विस्तार से व्याख्यान के माध्यम से बताया तथा उपस्थित समस्त प्रतिभागियों को प्रयोगशाला में विभिन्न प्रकार के स्टैंडर्ड सॉल्यूशन (मानक विलयन) बनाना एवं उसकी बारीकियों को सिखाया। कार्यक्रम में वैज्ञानिक डॉ राजेंद्र सिंह राणा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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