यूसर्क द्वारा तीन दिवसीय वाटर साइंस एंड टेक्नोलॉजी विषय पर हैंड्स ऑन ट्रेनिंग – 28 – 30 September 2022

यूसर्क द्वारा दिनांक 28 सितंबर 2022 को तीन दिवसीय “वाटर साइंस एंड टेक्नोलॉजी” विषय पर हैंड्स ऑन ट्रेनिंग यूसर्क सभागार में प्रारंभ हुई।

यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अनीता रावत ने अपने संबोधन में बताया कि यूसर्क द्वारा विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों को पूरे प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है। जल के महत्व को देखते हुए तीन दिवसीय “वाटर साइंस एंड टेक्नोलॉजी” विषय पर हैंड्स ऑन ट्रेनिंग विद्यार्थियों को प्रदान की जा रही है जिसमें वर्षा जल के द्वारा भूजल रिचार्ज, जल गुणवत्ता एवं वॉटर ट्रीटमेंट विषयों को मुख्य रूप से फोकस किया गया है।

वैज्ञानिक डॉ ओम प्रकाश नौटियाल ने यूसर्क की सभी वैज्ञानिक गतिविधियों कर विस्तार से बताया।कार्यक्रम में यूसर्क के वैज्ञानिक एवं कार्यक्रम समन्वयक डॉ भवतोश शर्मा ने तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूप रेखा प्रस्तुत करते हुए सभी अतिथियों एवं विशेषज्ञों का परिचय कराया ।

कार्यक्रम का पहला तकनीकी व्याख्यान सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड, उत्तरांचल रीजन के निदेशक डॉ प्रशांत राय ने “वाटर कंजर्वेशन, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग एंड ग्राउंड वाटर रिचार्ज विद स्पेशल रेफरेंस टू उत्तराखंड” विषय पर व्याख्यान दिया।उन्होंने अपने व्याख्यान में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, भूजल रिचार्ज की विभिन्न विधियों रिचार्ज पिट, रिचार्ज साफ्ट, रिचार्ज ट्रेंच, बुश चेक डैम, पर्कोलेशन टैंक आदि विधियों द्वारा भूजल रिचार्ज को समझाया। उन्होंने बताया कि किसी भी क्षेत्र के भूविज्ञान का ज्ञान भूजल रिचार्ज में बहुत महत्वपूर्ण होता है। मैदानी एवं पहाड़ी भूभाग में अलग अलग विधियों को प्रयोग में लाया जाता है। उन्होंने उत्तराखंड के तराई भूभाग में भूजल के वैज्ञानिक अध्ययन को प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम का दूसरा तकनीकी व्याख्यान डॉल्फिन संस्थान देहरादून की प्राचार्या डॉ शैलजा पंत ने “माइक्रोबायोलॉजिकल एनालिसिस ऑफ ड्रिंकिंग वाटर एंड वेस्ट वाटर सैंपल” विषय पर दिया। उन्होंने जल में विभिन्न प्रकार के सूक्ष्मजीवों की उपस्थिति, प्रयोगशाला में उनके विश्लेषण, मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव विषय पर बोलते हुए नई तकनीकियों को समझाया। उन्होंने जल में उपस्थित ई कोलाई बैक्टीरिया को प्रयोगशाला में मेंब्रेन फिल्टर विधि, एम पी एन विधियों को विस्तार से बताया।

कार्यक्रम का तीसरा व्याख्यान यूसर्क के वैज्ञानिक डॉ भवतोष शर्मा ने “वॉटर साइंस एंड इट्स क्वालिटी पैरामीटर्स” विषय पर अपना व्याख्यान दिया तथा जल के विज्ञान को उपस्थित प्रतिभागियों को समझाया। उन्होंने जल की गुणवत्ता को निर्धारित करने वाले भौतिक, रासायनिक एवं बायोलॉजिकल पैरामीटर्स पर विस्तार से वैज्ञानिक एवं तकनीकी जानकारी प्रदान की।

कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन वैज्ञानिक डॉ मंजू सुंदरियाल ने किया। तीन दिवसीय हैंड्स ऑन प्रशिक्षण कार्यक्रम में पांच संस्थानों देवसंस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार, एमआईटी ऋषिकेश, एमकेपी पीजी कॉलेज देहरादून, एसजीआरआर विश्वविद्यालय देहरादून एवं राजकीय महाविद्यालय मालदेवता, रायपुर के 25 विद्यार्थियों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। कार्यक्रम में डॉ राजेंद्र सिंह राणा, डॉ ज्ञानेंद्र अवस्थी, उमेश जोशी, ओम जोशी, राजदीप, शिवानी पोखरियाल, हरीश ममगाई, राजीव बहुगुणा सहित कुल 40 लोग उपस्थित थे।

Second Day of “Water Science & Technology” Hands on Training (29.09.2022)

Hands on activities were accomplished in Water Chemistry Laboratory of Wadia Institute of Himalayan Geology (Department of Science & Technology, Govt. of India) Dehradun.Ion Chromatographic Analysis, Ionic Balance studies, Geology based Water Quality analytical studies were well explained to the students.

“यूसर्क की तीन दिवसीय वाटर साइंस एंड टेक्नोलॉजी हैंड्स ऑन ट्रेनिंग का समापन”

यूसर्क द्वारा संचालित की जा रही तीन दिवसीय “वाटर साइंस एंड टेक्नोलॉजी” विषयक हैंड्स ऑन ट्रेनिंग का समापन दिनांक 30.09.22 को यूसर्क सभागार में किया गया।

समापन कार्यक्रम के अवसर पर यूसर्क की निदेशक प्रो. (डॉ.) अनीता रावत ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जल संरक्षण, जल गुणवत्ता एवं वाटर ट्रीटमेंट तकनीकियों को मुख्य रूप से फोकस किया गया है जो हमारे विद्यार्थियों को प्रयोगात्मक ज्ञान के साथ साथ उनके करियर के लिए भी बहुत कारगर सिद्ध होगा।

तकनीकी सत्र की पहली हैंड्स ऑन ट्रेनिंग यूसर्क के वैज्ञानिक तथा कार्यक्रम समन्वयक डॉ भवतोष शर्मा ने प्रयोगशाला में अनुमापन विधि (वोल्यूमेट्रिक मैथड) द्वारा जल के विभिन्न पैरामीटर्स के लिए मानक विलयन (स्टैंडर्ड सॉल्यूशन) बनाना तथा प्रयोगशाला में विश्लेषण करना, स्पेक्ट्रोस्कोपिक उपकरणों द्वारा जल के विभिन्न पैरामीटर्स का विश्लेषण करना आदि विषयों पर प्रदान की तथा प्रतिभागियों द्वारा लाए गए जल नमूनों की एनालिसिस की गई।

प्रशिक्षण का दूसरा व्याख्यान एवं हैंड्स ऑन ट्रेनिंग उत्तराखंड जल संस्थान की राज्य स्तरीय प्रयोगशाला के मुख्य तकनीकी प्रबंधक डॉ विकास कंडारी ने “फील्ड टेस्टिंग किट द्वारा जल की गुणवत्ता का विश्लेषण” विषय पर प्रदान किया। उन्होंने जल में उपस्थित नाइट्रेट, आयरन, फ्लोराइड आदि को प्रयोगात्मक रूप से सिखाया तथा उपस्थित प्रतिभागियों के प्रश्नों का समाधान प्रदान किया।

सत्र का तीसरा व्याख्यान दून विश्वविद्यालय देहरादून के पर्यावरण विज्ञान विभाग के डॉ विपिन कुमार सैनी ने “वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट” विषय पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने वाटर ट्रीटमेंट की विभिन्न विधियों से अवगत कराया तथा उपचारित जल के विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग बताए।अपराह्न सत्र में यूसर्क के वैज्ञानिक डॉ राजेंद्र सिंह राणा ने मल्टी पैरामीटर एनालाइजर द्वारा जल की गुणवत्ता के विभिन्न पैरामीटर्स पीएच, टीडीएस, टर्बिडिटी, सैलिनिटी, डी ओ, ओ आर पी आदि को ज्ञात करना सिखाया तथा उनके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव बताए।

कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन वैज्ञानिक डॉ मंजू सुंदरियाल ने किया। कार्यक्रम के अंत में निदेशक यूसर्क प्रो (डॉ) अनीता रावत द्वारा सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।

तीन दिवसीय हैंड्स ऑन प्रशिक्षण कार्यक्रम में पांच संस्थानों देवसंस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार, एमआईटी ऋषिकेश, एमकेपी पीजी कॉलेज देहरादून, एसजीआरआर विश्वविद्यालय देहरादून एवं राजकीय महाविद्यालय मालदेवता, रायपुर के 25 विद्यार्थियों द्वारा प्रतिभाग किया गया । कार्यक्रम में उमेश जोशी, ओम जोशी, राजदीप, शिवानी पोखरियाल, हरीश ममगाई, राजीव बहुगुणा सहित कुल 40 लोग उपस्थित थे।

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