उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) द्वारा वनस्पति सर्वेक्षण संस्थान के सहयोग से वनस्पति सर्वेक्षण संस्थान, देहरादून में राष्ट्रीय स्तर का प्लान्ट नाॅमनक्लेचर विषय पर पांच दिवसीय कोर्स का शुभारम्भ किया गया।कार्यक्रम में 12 राज्यों मुख्यतः आसाम , पंजाब, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड, हरियाणा, नागालैण्ड, हिमाचल प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, सिक्किम, केरल एवं अरुणांचल प्रदेश से कुल 66 प्रवक्ताओं के द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। कार्यक्रम के प्रारम्भ में वनस्पति सर्वेक्षण संस्थान के विभागध्यक्ष द्वारा उपरोक्त कार्यक्रम को समस्त प्रतिभागियों हेतु महत्वपूर्ण बताया गया। उन्होंने बताया कि प्लान्ट नाॅमनक्लेचर एवं प्लान्ट टैक्सोनोमी दोनो का ज्ञान होना अत्यन्त आवश्यक है।
यूसर्क की निदेशक प्रो0 (डा0) अनिता रावत द्वारा अपने सम्बोधन में प्लान्ट नाॅमनक्लेचर कोर्स के आयोजन करने के उद्देश्य एवं लाभ को समझाया। उन्होंने बताया कि प्लान्ट टैक्सोनोमिस्ट बहुत कम रह गये हैं जिससे शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों को पौधें की पहचान व उसके संरक्षण सम्बन्धी सूचना को प्राप्त करने में कठिनाइयां उत्पन्न हो रही है। इन समस्याओं को देखते हुये यूसर्क द्वारा प्लान्ट टैक्सोनोमी एवं नाॅमनक्लेचर पर निरन्तर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। । अतः समस्त प्रतिभागियों को इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाना चाहिए।
यूसर्क की वैज्ञानिक डा0 मन्जू सुन्दरियाल द्वारा सम्पूर्ण कार्यक्रम की भूमिका की जानकारी प्रदान की गई। मुख्य विषय विशेषज्ञ प्रख्यात वरिष्ठ वैाानिक डा0 के0एस0 गांधी, हावार्ड यूनिवर्सिटी, यू.एस.ए. द्वारा प्लान्ट नाॅमनक्लेचर के अध्ययन को पौधें की पहचान के लिये महत्वपूर्ण बताया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा0 ए0एस0 रावत, महानिदेशक, आई.सी. एफ. आर आई, देहरादून द्वारा अपने सम्बोधन में प्लान्ट नाॅमनक्लेचर कोर्स का आयोजन महत्वपूर्ण व समय की आवश्यकता बताया। उन्होंने बताया कि पौधें की सही पहचान करना हम सभी के लिये आवश्यक है। चूँकि वर्तमान में टैक्सोनोमिस्ट बहुत कम है। अतः सेवानिवृत्त विशेषज्ञो की सलाह ली जा रही है। इस कार्य में बी0एस0आई. की जिम्मेवारी बढ जाती है। वनस्पति सर्वेक्षण संस्थान के निदेशक डा0 ए.ए. माओ द्वारा समस्त प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुये कहा गया कि हम सभी को हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिये कोई भी संस्थान सफलता के लिये दूसरे संस्थान के साथ सहयोगात्मक रूप से कार्य कर के ही आगे बढ सकता है। यूसर्क एव बी.एस.आई. के संयुक्त रूप से कार्यक्रम के आयोजन को प्रसंशा करते हुये समस्त प्रतिभागियों के लिये लाभदायक बताया गया।