उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) देहरादून द्वारा दिनांक 14 दिसम्बर 2022 को युवा महिला वैज्ञानिक कॉनक्लेव-2022 का आयोजन देहरादून स्थित आई.आर.डी.टी. सभागार में किया गया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में यूसर्क की निदेशक प्रो0 (डा0) अनीता रावत ने अतिथियों का स्वागत करते हुये युवा महिला वैज्ञानिक कॉन्कलेव के आयोजन सम्बन्धी भूमिका के बारे में विस्तार से बताया। प्रो0 रावत ने कहा कि सतत् विकास लक्ष्य 2030 की अवधारणा को महिलाओं की भागीदारी एवं योगदान के बिना धरातल पर उतारना सम्भव नहीं है। इस सोच के तहत् यूसर्क द्वारा वैज्ञानिक अभिरूचि विकसित करने की दिशा में युवा महिला वैज्ञानिकों को “Young Women Scientist Excellence Award” एवं “Young Women Achievement Award” से सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में महिलायें शिक्षा एवं सामाजिक क्षेत्र में विभिन्न उपलब्धियां प्राप्त कर रही हैं जो कि आने वाले भविष्य के लिये एक अच्छा संकेत है। प्रो0 रावत ने कहा कि यूसर्क द्वारा डिजिटल लर्निंग प्लेटफार्म को विकसित किया जा रहा है।
कार्यक्रम के सम्मानित अतिथि इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, रूड़की के कुलाधिपति श्री जे0सी0 जैन ने कहा कि आज का युग विज्ञान का युग है जिसमें विज्ञान, शिक्षा के साथ-साथ अनुसंधान सम्बन्धी कार्यों में विभिन्न तकनीकियों का प्रयोग आवश्यक हो गया है। इन सभी क्षेत्रों में प्रदेश और देश की महिलायें निरन्तर योगदान दे रहीं है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को प्रोत्साहित करने में विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों के माध्यम से यूसर्क द्वारा निरन्तर सराहनीय कार्य किया जा रहा है।
कार्यक्रम की सम्मानित अतिथि उत्तराखण्ड उच्च शिक्षा की पूर्व उपाध्यक्ष श्रीमती दीप्ती रावत ने कहा कि उत्तखण्ड की कृषि में महिलाओं का सबसे अधिक योगदान रहता है। आज विज्ञान एवं तकनीकी की सहायता से उन्नत एवं जैविक कृषि के माध्यम से आजीविका को बढाते हुये रोजगार के अवसर उत्तराखण्ड की महिलाओं के लिये निश्चित रूप से लाभकारी होंगे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड के महामहिम राज्यपाल ले0 जनरल (सेवानिवृत्त) गुरूमीत सिंह जी ने कहा कि वर्तमान समय में महिलायें विज्ञान के प्रसार सम्बन्धी कार्यों में विशिष्ट योगदान दे रही है तथा विज्ञान के प्रत्येक क्षेत्र में हो रहे अनुसंधान एवं नवाचार सम्बन्धी कार्यों में निरन्तर अनुकरणीय कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आज सामाजिक स्तर पर महिलाओं द्वारा विभिन्न कार्यों में योगदान दिया जा रहा है। महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिये उन्हें प्रत्येक क्षेत्र में बराबर सामाजिक भागीदारी प्रदान किये जाने की अत्यंत आवश्यकता है। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि महिला सशक्तीकरण एवं स्वरोजगार की दिशा में आ रही विभिन्न कठिनाईयों को विज्ञान एवं तकनीकी के माध्यम से दूर करते हुये, सामाजिक सहभागिता बढाते हुये ही समावेशी विकास किया जा सकता है, यूसर्क इस दिशा में मूलभूत दिष्टकोण से अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका के साथ कार्य कर रहा है। महामहिम राज्यपाल महोदय ने यूसर्क के विभिन्न नवाचारी कार्यक्रमों एवं पर्यावरणीय वैज्ञानिक गतिविधियों की प्रशंसा करते हुये राज्य के युवाओं से इन कार्यक्रमों से लाभान्वित होने का आहवान किया।
कार्यक्रम में यूसर्क द्वारा यूसर्क के सूचना पत्रक, यूसर्क विज्ञान चेतना केन्द्र सूचना पत्रक, दो प्रकाशित पुस्तकों Block Chain: A Beginner’s Manual एवं Endurance Strategies in Changing Climate का विमोचन महामहिम राज्यपाल महोदय द्वारा किया गया।कार्यक्रम में यूसर्क के तत्वाधान में कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग रुड़की के द्वारा विद्यार्थियों द्वारा डिजास्टर मैनेजमेंट फॉर चार धाम यात्रा एवं क्राइम कंट्रोल फॉर वूमेन सिक्योरिटी मोबाइल एप्लीकेशन का लोकार्पण किया गया।
कार्यक्रम में सम्मानित की गयी 06 युवा महिला वैज्ञानिकों की सूची निम्नवत हैः-
श्रेणी प्रथमः- Young Women Scientist Excellence Award
1. अंजली पाटिल, एच0एन0बी0 गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर, उत्तराखण्ड।
2. श्रृद्धा लखेड़ा, उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी, उत्तराखण्ड।
श्रेणी द्वितीयः- Young Women Scientist Achievement Award
1. डा0 दीपाली राणा, डॉलफिन पी.जी. कॉलेज, देहरादून।
2. डा0 चेतना तिवारी, डी0एस0बी0 कैम्पस, कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल।
3. डा0 पुनम गुसांई, निगम रोड़ कैनाल रोड़ सेलाकुई, देहरादून।
4. डा0 रूचि बड़ोनी सेमवाल, वी0एस0के0सी0 महाविद्यालय, डाकपत्थर, देहरादून।
कार्यक्रम का संचालन वैज्ञानिक डा0 ओम प्रकाश नौटियाल एवं धन्यवाद ज्ञापन डा0 मन्जू सुन्दरियाल द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डा0 भवतोष शर्मा, डा0 राजेन्द्र राणा, ई0 उमेश चन्द्र, ओम जोशी, राजदीप जंग, हरीश प्रसाद ममगांई, शिवानी पोखरियाल, रमेश रावत आदि ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षण संस्थानों के प्राचार्य एवं शिक्षक शिक्षिकायें सहित 300 से अधिक लोगों ने प्रतिभाग किया।