उत्तराखंड के छात्रों को सशक्त बनाने के लिए: मशरूम की खेती हेतु सात दिवसीय व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान केंद्र द्वारा टैक्जीन प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान (TGTRI) के सहयोग से मशरूम उत्पादन पर साप्ताहिक हैंड्स ऑन ट्रेनिंग का आयोजन किया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य मशरूम की खेती की कला और विज्ञान के माध्यम से व्यक्तियों को सशक्त बनाना है। उक्त साप्ताहिक व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक 11/03/2024 से 17/03/2024 तक [टैक्जीन प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान (TGTRI ), देहरादून में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें प्रदेशभर के विभिन्न कॉलेज और विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया जा रहा है।

उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में, प्रतिभागी विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे, जिनमें शामिल हैं- मशरूम जीव विज्ञान और खेती तकनीकों के मूल सिद्धांत, स्पॉन तैयार करने की तकनीक,आनुवंशिक शुद्धता और जीवन शक्ति बनाए रखने के लिए तकनीके, सब्सट्रेट तैयारी, खेती में व्यावहारिक प्रशिक्षण,ऑयस्टर और शिटाके मशरूम सहित विशिष्ट मशरूम किस्मों की खेती, मशरूम की कटाई, प्रसंस्करण और कटाई के बाद प्रबंधन के लिए सर्वोत्तम अभ्यास, मशरूम की खेती में आम चुनौतियों की पहचान और उनका शमन,उन्नत खेती के तरीकों और परिचालन को बढ़ाने के अवसरों की खोज आदि।

कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में यूसर्क निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अनिता रावत ने अपने संदेश में कहा कि यूसर्क द्वारा आयोजित की जाने वाली विभिन्न वैज्ञानिक विषयों पर हैंड्स ऑन ट्रेनिंग के क्रम में मसरूम उत्पादन पर हैंड्स ऑन ट्रेनिंग के पीछे की सोच है कि युवाओं में आजीविका और पोषण संसाधन के एक स्थायी साधन के रूप में मशरूम की खेती जबरदस्त संभावना रखती है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से, हमारा लक्ष्य युवाओं को सफल मशरूम खेती उद्यम शुरू करने के लिए आवश्यक वैज्ञानिक ज्ञान एवम व्यावहारिक कौशल व सैद्धांतिक ज्ञान प्रदान करना है। इस सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को सब्सट्रेट तैयारी से लेकर कटाई तकनीक तक का प्रयोगिक ज्ञान अनुभवी प्रशिक्षकों और उद्योग विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में प्राप्त होगा।

यूसर्क के वैज्ञानिक डा. ओम प्रकाश नौटियाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि विज्ञान और अनुसंधान के अनुप्रयोगों को हैंड्स ऑन ट्रेनिंग के माध्यम से ही बेहतर तरीके से सीखा जा सकता है इस प्रकार के प्रशिक्षण के सही प्रयोग से प्रदेश का युवा स्वाबलंबी एवम स्वउधमी बनेगा। उन्होंने कहा कि विज्ञान किसी भी प्रदेश व देश के विकास के लिए बहुत ही आवश्यक है। युवा पीढ़ी विज्ञान और अपने हुनर से स्वउद्यमी बन सकते है जिसके लिये यूसर्क द्वारा कई प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा कई लाभदायी योजनाओं का सांचालन किया जा रहा है जिसका लाभ हमारे युवाओं को स्वउद्यमी बनने के लिए अवश्य लेना चाहिये। डा. नौटियाल ने यूसर्क द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न वैज्ञानिक कार्यक्रमों के बारे में प्रतिभागियों को विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की व प्रतिभागियों को इन कार्यक्रमों का लाभ स्वयं उठाते हुए अन्य लोगों तक भी उक्त कार्यक्रमों का लाभ पहुंचाने का आवाहन किया।

TGTRI के निदेशक डॉ. सचिन चौहान ने कहा कि हम इस प्रभावशाली प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए USERC के साथ साझेदारी करके उत्साहित हैं। मशरूम की निरंतर खेती करने के कौशल और ज्ञान के साथ व्यक्तियों को सशक्त बनाकर, हमारा लक्ष्य आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना और समुदायों के भीतर खाद्य सुरक्षा को बढ़ाना है।

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