“Best Laboratory Practices” विषय पर ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन

उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवम् अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) देहरादून द्वारा देव भूमि विज्ञान समिति, उत्तराखण्ड के संयुक्त तत्वाधान में दिनांक 22 जनवरी 2022 को ‘जल शिक्षा व्याख्यानमाला श्रृंखला (वाटर एजुकेशन लेक्चर सीरीज)’ के अंतर्गत “Best Laboratory Practices” विषय पर ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अनीता रावत ने बताया कि यूसर्क द्वारा प्रदेश के विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के लिये विभिन्न प्रकार के विज्ञान शिक्षा, अनुसंधान एवं नवाचार विषयक गतिविधियों को संचालित किया जा रहा है। इसी के क्रम में आज यूसर्क “Best Laboratory Practices” विषय पर आयोजित कार्यक्रम के अन्तर्गत विद्यार्थियों को प्रयोगशाला में किस प्रकार कार्य करना चाहिये, विभिन्न विषयों की प्रयोगशालाओं के मानकों के अनुरूप संचालन व प्रबंधन तथा अनुसंधान सम्बन्धी कार्य आदि विशिष्ट बिन्दुओं को विशेषज्ञों के माध्यम से पहुंचाने का प्रयास किया गया है।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए यूसर्क के वैज्ञानिक तथा कार्यक्रम समन्वयक डॉ भवतोष शर्मा ने कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागी छात्र-छात्राओं, शोधार्थियों, शिक्षकों, वैज्ञानिकों तथा विशेषज्ञों का स्वागत करते हुये कार्यक्रम को अत्यन्त उपयोगी बताया तथा प्रतिभागियों को उनके कैरियर हेतु बहुत महत्वपूर्ण एवं एक सफल शोधार्थी, नवाचारी को दिशा देने वाला बताया।

कार्यक्रम में यूसर्क के वैज्ञानिक डॉ ओम प्रकाश नौटियाल ने कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों का संबोधित करते हुये कहा कि यूसर्क द्वारा विभिन्न प्रकार के वैज्ञानिक कार्यक्रमों का आयोजन समय-समय पर आनलाइन एवं आफलाइन दोनों माध्यमों से कोविड गाइड लाइन्स का पालन करते हुये प्रदेश के विद्यार्थियों के लिये किया जा रहा है जिससे प्रदेश के युवा विज्ञान, शिक्षा एवं अनुसंधान संबंधी गतिविधियों से लाभान्वित हो रहे है। इस दिशा में प्रदेश के तीन जनपदों में उत्तरकाशी, चमोली एवं पिथौरागढ़ में STEM प्रयोगशालाओं की स्थापना की जा रही है तथा तकनीकी आधारित विज्ञान शिक्षा, यूसर्क जलशाला के द्वारा जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम, वाटर एजुकेशन लेक्चर सीरीज कार्यक्रम, स्मार्ट ईको क्लबों की स्थापना आदि प्रमुख रूप से संचालित किये जा रहे है।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में डा0 विपिन कुमार सैनी, सीनियर असिस्टेंट प्रोफेसर, पर्यावरण एवं प्राकृतिक विज्ञान विभाग, दून विश्वविद्यालय, देहरादून ने “Good Laboratory Practices”विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने अपने व्याख्यान में एक अच्छी प्रयोगशाला के लिये महत्वपूर्ण घटक उद्देश्य विद्यार्थियों द्वारा अपनाये जाने वाला अनुशासन एवं क्रियाकलाप प्रयोगशाला के उपकरणों का वैज्ञानिक प्रबंधन एवं कैलीर्बेशन डाटा को विशलेषित करने के वैज्ञानिक तरीके, प्रयोगशाला के प्रमाणीकरण, प्रयोगशला में सुरक्षा से सम्बन्धित मानकों का अनुपालन आदि विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंने उपस्थित प्रतिभागियों को प्रयोगशाला के प्रमाणीकरण कार्य के लिये सम्बन्धित संस्थाओं के विषय में बताया तथा किसी भी प्रयोगशाला के सफल व सुचारू संचालन के लिये प्रयोगशाला के प्रभारी की भूमिका को अत्यन्त महत्वपूर्ण बताया। डा0 सैनी ने कहा कि आज भारत सरकार तथा विश्व की अलग-अलग संस्थाओं द्वारा प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिक ढंग से संचालन, प्रबंधन, डाटा के विश्लेषण, वैलीडेशन व उसकी सुरक्षा विषयक विभिन्न मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) को प्रयोगशालाओं हेतु उपलब्ध कराया गया है जिसके अनुपालन में कोई भी प्रमाणित लैब कार्य करती है। कार्यक्रम में यूसर्क के वैज्ञानिक डॉ भवतोष शर्मा ने अपने सम्बोधन में उपस्थित प्रतिभागियों को प्रयोगशाला के विभिन्न वैज्ञानिक उपकरणों के रख रखाव, स्वच्छता तथा वैज्ञानिक ढंग से प्रयोग करने को कहा। उन्होंने प्रयोगशाला में मानक अनुरूप कांच के विभिन्न उपकरणों के प्रयोग, मानक विलयन (Standard Solution)

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