यूसर्क द्वारा सात दिवसीय द्वितीय ‘Hands-on-training’ on “Spectroscopic Techniques and Material Structures” विषय पर सर्टिफिकेट कोर्स प्रारम्भ

उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) द्वारा दिनांक 19 दिसम्बर 2022 को एक सप्ताह के “Spectroscopic Techniques and Material Structures” विषय पर सर्टिफिकेट कोर्स संस्थान के सभागार में प्रारम्भ किया गया। कार्यक्रम में प्रशिक्षण मैनुअल का विमोचन किया गया।

कार्यक्रम में यूसर्क की निदेशक प्रो0 (डा0) अनीता रावत ने अपने सम्बोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा प्रतिमाह विभिन्न विषयों पर आधारित साप्ताहिक सर्टिफिकेट कोर्सों एवं हैण्डस ऑन ट्रेनिंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। प्रो0 रावत ने कहा कि प्रदेश के भीतर केन्द्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित अनेक संस्थान एवं विश्वविद्यालय हैं जिनमें विभिन्न प्रकार के महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपकरण उपलब्ध हैं एवं उन उपकरणों के द्वारा वैज्ञानिक शोध में मूर्धन्य वैज्ञानिक उपलब्ध हैं। इस प्रकार की हैण्डस ऑन ट्रेनिंग के माध्यम से यूसर्क का प्रयास है कि विज्ञान के क्षेत्र के इन संस्थानों की विशिष्ट वैज्ञानिकों एवं विशिष्ट उपकरणों का लाभ प्रदेश के शोधार्थियों, प्राध्यापकों, विद्यार्थियों को प्राप्त हो। इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से जहां एक ओर शोधार्थियों, विद्यार्थियों एवं अध्यापकों में कौशल (Skill) विकसित होगा वहीं उनमें नवाचार (Innovation) का संचार होगा एवं उद्यमिता विकास हेतु बेहतर वातावरण भी उत्पन्न होगा। इस प्रकार विज्ञान के माध्यम से तैयार उत्कृष्ट मानव संसाधन का प्रदेश के समन्वित, समग्र एवं सतत् विकास में योगदान सुनिश्चित किया जा सकेगा।

कार्यक्रम का संचालन करते हुये आयोजन सचिव व यूसर्क वैज्ञानिक डा0 ओम प्रकाश नौटियाल ने इस एक सप्ताह के सर्टिफिकेट कोर्स के आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुये स्पेक्ट्रोस्कोपिक विधियों का रिसर्च में महत्व तथा इनके अनुप्रयोग पर विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंने कहा कि शोध एवं अनुसंधान के कार्यों में यह विधियां अत्यधिक उपयोगी साबित हुई है। डा0 नौटियाल ने शोध कार्यों में एक्सआरडी (XRD) एवं एसईएम (SEM) आवश्यकता एवं उसके कार्य सिद्धान्त पर विस्तारपूर्वक बताया।

यूसर्क वैज्ञानिक डा0 भवतोष शर्मा ने एटोमिक एब्सोर्पसन स्पेक्ट्रोफोटोमीटर (AAS) के द्वारा जल गुणवत्ता के अध्ययन में भारी धातुओं का विशलेषण करना बताया। उन्होंने बताया कि विभिन्न स्पेक्ट्रोस्कोपी विधियों का रसायन विज्ञान एवं जल विज्ञान अध्ययन में विशेष महत्व है।

कार्यक्रम में डॉल्फिन इन्सटीट्यूट, देहरादून की रसायन विज्ञान विभाग की प्रो0 वर्षा पारचा ने उपस्थित प्रतिभागियों को ‘इंट्रोडक्शन ऑफ स्पेक्ट्रोस्कोपिक मैथड्स एण्ड मैटेरियल कैरेक्टराईजेशन स्ट्रक्चर्स’ विषय पर अपना विशेषज्ञ व्याख्यान दिया। उन्होंने अपने व्याख्यान में विभिन्न प्रकार की स्पेक्ट्रोस्कोपिक विधियों के प्रकार, उनके सिद्धान्त और शोध, अनुसंधान एवं विकास संबंधी कार्यों में उपयोग के बारे में विस्तार से बताया।

कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन डा0 मन्जू सुन्दरियाल द्वारा किया गया। कार्यक्रम में डा0 राजेन्द्र सिंह राणा, ई0 उमेश चन्द्र, ई0 ओम जोशी, ई0 राजदीप जंग द्वारा तकनीकी सहयोग प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के स्नातकोत्तर एवं शोध के 30 छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।

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