यूसर्क द्वारा वसंत पंचमी पर्व को खेती बाड़ी दिवस के रूप में मनाया गया

 एग्रोकोलॉजी विषय पर तीन दिवसीय हैंड्स ऑन प्रशिक्षण प्रारंभ

दिनांक 26.01.2023 को यूसर्क द्वारा “एग्रोकोलॉजी विषय पर तीन दिवसीय हैंड्स ऑन प्रशिक्षण” कार्यक्रम भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान (ICAR) एवं दून पीजी कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी के संयुक्त तत्वाधान में प्रारंभ किया गया।

इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अनीता रावत ने गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए अपने संबोधन में कहा कि विगत वर्ष यूसर्क द्वारा वसंत पंचमी पर्व को खेती बाड़ी दिवस के रूप में मनाए जाने का निश्चय किया गया था। उन्होंने कहा कि आज वसंत पंचमी पर्व को “खेती बाड़ी दिवस” के रूप में यूसर्क द्वारा “एग्रोकोलॉजी विषय पर तीन दिवसीय हैंड्स ऑन प्रशिक्षण” के रूप में मनाया जा रहा है। इसके अंतर्गत सॉइल साइंस, एग्रोनॉमी, फिशरीज, ऑर्गेनिक फार्मिंग आदि को केंद्रित करते हुए उच्च शिक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थियों को तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है जो उनके ज्ञान को बढ़ाने के साथ साथ उनके शोध अनुसंधान की दिशा में कौशल विकास (Skill Development) के साथ साथ करियर के लिए भी सहायक होगा।

एसजीआरआर विश्वविद्यालय के कृषि विभाग के डॉ अनिल कुमार सक्सेना ने “सस्टेनेबल सॉइल हेल्थ: फाउंडेशन ऑफ एग्रोइकोलॉजिकल सिस्टम्स” विषय पर अपने विशेषज्ञ व्याख्यान में मिट्टी के स्वास्थ्य, गुणवत्ता, ऑर्गेनिक फार्मिंग के तरीके , ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स के सर्टिफिकेशन, वर्मी कम्पोस्टिंग विषय पर विस्तार से जानकारी प्रदान की। डॉ सक्सेना ने मिट्टी के विश्लेषण हेतु सैंपल्स लेने की विधियां बताई तथा हैंड्स ऑन ट्रेनिंग द्वारा सैंपल लेना बताया। भारत सरकार द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस बताई।

वैज्ञानिक डॉ ओम प्रकाश नौटियाल ने यूसर्क की विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया।इसके पूर्व कार्यक्रम समन्वयक वैज्ञानिक डॉ भवतोष शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए बताया कि इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में पांच शिक्षण संस्थानों एसजीआरआर यूनिवर्सिटी, जेबीआईटी, दून पीजी कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी, राजकीय पीजी कॉलेज ऋषिकेश के बॉटनी, एग्रीकल्चर, हार्टिकल्चर, बायोटेक्नोलॉजी विषय के बीएससी, एमएससी स्टूडेंट्स द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। वैज्ञानिक डॉ मंजू सुंदरियाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में वैज्ञानिक डॉ राजेंद्र राणा, आईसीटी टीम सहित कुल 60 लोगों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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