पारिस्थितिकीय सेवाओं का महत्व एवं आकंलन की विधि’ कार्यक्रम का समापन समारोह

उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) देहरादून एवं वन विभाग चकराता के सहयोग से हिमालयन अध्ययन मिशन वित्त पोषित परियोजना के अन्तर्गत पारिस्थितिकीय सेवाओं का महत्व एवं आकंलन की विधि  विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन किया गया। प्रशिक्षण के प्रथम सत्र में डा0 भवतोष शर्मा वैज्ञानिक यूसर्क द्वारा भूजल प्रबन्धन को पारिस्थितिकीय सेवाओं के संरक्षण हेतु महत्वपूर्ण बताया गया उनके द्वारा भूजल के स्तर में सुधार हेतु कुछ सफल प्रयोगों का विस्तार में प्रस्तुतिकरण दिया गया।

ग्राफिक ऐरा विश्वविद्यालय के डा0 दीपक खोलिया ने पारिस्थितिकीय सेवाओं के आंकलन को करने हेतु विभिन्न विधियों को विस्तार से समझाया। श्री नरेन्द्र सिंह सेवानिवृत्त डी0एफ0ओ0 उत्तराखण्ड वन अधिकारी के द्वारा पारिस्थितिकीय सेवाओं के सतत् प्रबन्धन पर प्रकाश डाला और उनके द्वारा कुछ महत्वपूर्ण माॅडल पर चर्चा करी गई। डा0 जी0सी0एस0 नेगी वरिष्ठ वैज्ञानिक जी0बी0 पंत हिमालयन पर्यावरण संस्थान अल्मोड़ा द्वारा पारिस्थितिकीय सेवाओं के परोक्ष और अपरोक्ष लाभ पर प्रकाश डाला एवं उनका किस प्रकार से विश्लेषण किया जाये, उन सभी विधियों को समझाया।

डा0 ओम प्रकश नौटियाल, वैज्ञानिक यूसर्क द्वारा पर्यावरण की दिशा में यूसर्क द्वारा चलाई जा रही परियोजनाओं पर विस्तार से समझाया।

कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में समापन कार्यक्रम में यूसर्क की निदेशक प्रो0 डा0 अनीता रावत विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थी।

सत्र के प्रारम्भ में डा0 मन्जू सुन्दरियाल वैज्ञानिक यूसर्क द्वारा सम्पूर्ण कार्यक्रम की संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया।

विशिष्ट अतिथि यूसर्क की निदेशक प्रो0 (डा0 अनीता रावत ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु बधाई दी व पारिस्थितिकीय सेवाओं के संरक्षण एवं आंकलन में वन विभाग की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया उनके द्वारा समस्त प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिये गये।

कार्यक्रम के अन्त में राधिका सूद द्वारा समस्त अतिथियों विशेषज्ञों एवं प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया गया।

कार्यक्रम में यूसर्क की वैज्ञानिक एवं परियोजना अन्वेषक डा0 मन्जु सुन्दरियाल, डा0 ओम प्रकाश नौटियाल, डा0 भवतोष शर्मा डा0 बिपिन सती राधिका सूद राजदीप जंग एवं वन आरक्षी केन्द्र के अनुदेशक श्री राजेन्द्र हिंगवाण एवं श्री मथुरा प्रसाद बिजलवाण आदि सहित 65 प्रतिभागियों द्वारा किया।

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