
उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) द्वारा आज दिनांक 3 फरवरी 2025 को बसंत पंचमी पर्व को खेती-बाड़ी दिवस के रूप में अल्पाइन इंस्टीट्यूट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया ।
यूसर्क की निदेशक प्रोo डॉo अनीता रावत ने अपने उद्बोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा वसंत पंचमी पर्व को खेती-बाड़ी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है । प्रोफेसर रावत ने कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थियों को खेती-बाड़ी शब्द का अर्थ समझाते हुए कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है । हमारे देश की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का विशेष योगदान है । हमारे पूर्वजों ने कृषि के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपने परंपरागत लोक विज्ञान और तकनीकियों से आगे बढ़ाया और आज कृषि के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकियों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ड्रोन तकनीकी का प्रयोग भी कृषि के क्षेत्र में हो रहा है ।
प्रोफेसर रावत ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में जैविक कृषि के साथ-साथ मेडिसिनल एवं एरोमैटिक प्लांट्स के क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं हैं और हम इस दिशा में आगे बढ़ते हुए अपने राज्य और अपने देश को बहुत कुछ प्रदान कर सकते हैं । प्रोफेसर रावत ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स की चर्चा करते हुए कहा कि इन गोल्स का भी यही उद्देश्य है कि हम पर्यावरण फ्रेंडली उत्पादों का उपयोग बढ़ाएं, प्रकृति को कम से कम नुकसान पहुंचाएं, प्रकृति का संरक्षण करें और अपने देश को कृषि क्षेत्र में स्वदेशी तकनीकी को अपनाते हुए आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में अपना-अपना योगदान दें । उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित युवाओं से कहा की कृषि के क्षेत्र में कैरियर और रोजगार की व्यापक संभावनाएं हैं । हमें अपने गुरुजनों और विषय विशेषज्ञों से निरंतर ज्ञानार्जन करते हुए मार्गदर्शन लेते हुए आगे आगे बढ़ना है । इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों एवं विद्यार्थियों के द्वारा संस्थान में बीजारोपण एवं वृक्षारोपण कार्य भी किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में बोटैनिकल सर्वे ऑफ इंडिया (भारत सरकार) के सेवानिवृत्त वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर हरीश सिंह ने “Medicinal & Aromatic Plants: their uses, status and prospects of cultivation and conservation in Uttarakhand” विषय पर अपना मुख्य व्याख्यान दिया । डॉक्टर सिंह ने अपने व्याख्यान में उत्तराखंड राज्य में पाए जाने वाले औषधीय पौधों, उनकी उपयोगिता के साथ ही राज्य में पाए जाने वाले विभिन्न एरोमैटिक प्लांट्स, एसेंशियल ऑइल्स, उनके उपयोग तथा उत्तराखंड राज्य में इन पौधों के उत्पादन आदि को केंद्रित करते हुए अपना व्याख्यान दिया तथा विद्यार्थियों के प्रश्नों का समाधान भी प्रदान किया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए यूसर्क के वैज्ञानिक डॉक्टर भवतोष शर्मा ने कहा कि हम सभी को अपनी प्रकृति संरक्षण के अनुरूप अपना कार्य व्यवहार करना चाहिए। धन्यवाद ज्ञापन डॉ निधि लोहानी ने किया।