उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) एवं हिमालयन ग्रामीण विकास समिति द्वारा दिनांक 4-6 मई 2019 को तीन दिवसीय साइंस आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन

उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) एवं हिमालयन ग्रामीण विकास समिति द्वारा दिनांक 4-6 मई 2019 को तीन दिवसीय साइंस आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए प्रख्यात भूगर्भ वैज्ञानिक पद्मभूषण प्रो0 के0एस0 वल्दिया ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए हिमालय की उत्पत्ति व संरचना पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे टनल विजन के स्थान पर व्यापक वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं। कार्यक्रम में शामिल विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए बायोटेक्निोलाजी विभाग पंतनगर विश्वविद्यालय के पूर्व प्रो0 बी0सी0 लक्चौरा ने बायोटेक्नोलाजी के क्षेत्र में भविष्य संवारने की संभावनाओं से अवगत कराया। इस मौके पर उन्होंने बायोटेक्नोलाजी के क्षेत्र में नवीन प्रयोगों के बारे में बताया। पी0जी0 कालेज द्वाराहाट के असिस्टेंट प्रो0 डा0 नरेन्द्र सिंजवाली ने गणित एवं भौतिकी के अंतरसंबधों पर बोलते हुए कहा कि भोतिक जगत की समसयाओं के समाधान में गणित का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने समुच्चय संबंध एवं फलन की जानकारी दी। कुमाऊँ विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय के डीन डा0 गंगा बिष्ट ने फायटो केमिकल दियर स्टडी एवं रिलीवेस विषय की जानकारी दी। उन्होंने विभिन्न पौध रसायनों की संरचना, उत्पत्ति एवं वर्तमान संस्थान के अध्यक्ष राजेंद्र बिष्ट ने बताया कि वर्ष 2009 से आयोजित हो रहे साइंस आउटरीच मे अब तक 127 विद्यालयों के 18266 छात्र-छात्राओं और 1055 शिक्षक लाभानिवत हो चुके है

साइंस आउटरीच कार्यक्रम के दूसरे दिन देशभर से आए वैज्ञानिकों ने विद्यार्थियों को विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों से परिचित कराया जिसमें वायुयान तकनीकी के रोचक सिद्धांत काफी रोचक रहे। कार्यक्रम में आइ.आइ.टी. मुम्बई के ऐरोस्पेस इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रो0 राजुकुमार एस पंत ने महात्मा बुद्ध के जीवन दर्शन के आधार पर विद्यार्थियों को विज्ञान का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि परम्पराओं के साथ चली आ रही बातें विज्ञान नहीं हो सकती है। प्रेक्षण एवं विश्लेषण के उपरान्त तभी किसी बात को स्वीकार किया जाना चाहीए जब समसयाओं का समाधान संभव हो। उन्होंने विभिन्न माडलों के उपयोग से वायुयान तकनीकी व इसके सिद्धान्तों के बारे में बताया।

लखनऊ से आये रसायन शास्त्री डा0 कमान सिंह कठायत ने डा0 डी0डी0 पंत को समर्पित व्याख्यान में उनके जीवन दर्शन और कृतित्व पर प्रकाश डाला। आवर्त सारणी के माध्यम से तत्वों गुणधर्म को जानने की सरलतम तकनीकी के बारे में विद्यार्थियों का बताया। यूसर्क के निदेशक प्रो0 दुर्गेश पंत ने विद्यार्थियों के लिए चलाए गए कार्यक्रमों के बारे में बताया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के वैज्ञानिक डा0 नेत्र सिंह ने मिसाइल तकनीक विभिन्न प्रकार की मिसाइलों उनकी कार्यप्रणाली एवं गाइडेड मिसाइल सिस्टम की जानकारी दी। जीनोमिक एवं पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन केंब्रिज से आइ डा0 सुजाता सिन्हा थैलीसीमिया व सिंगल जीनों से संबंधित रोगों की विभिन्न प्रकारों से इसके कारणें और संभावित निदान पर विस्तार से जानकारी दी। समर्थ ट्रस्ट से जुड़े जन्मान्ध बैंक के अधिकारी शैलेन्द्र रावत ने बच्चों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि विद्यार्थी भविष्य को लेकर आस्थावान रहे। डा0 बी0के0 जोशी ने साइकोमैट्रिक्क पद्यतियों के बारे में बताया।

एडवोकेसी एंड कम्यूनिकेशन के निदेशक डा0 शिखा घिल्डियाल ने आनवंशिक जैनेटिक रोगों के बारे में बताया। पद्श्री शेखर पाठक ने डा0 डी0डी0 पंत के जीवन पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में मुख्य रुप से प्रो0 के0एस0 वल्दिया प्रो0 बी0डी0 लक्चैरा प्रो0 पी0एस0 मेहर प्रो0 ए0एस0 जीना प्रो0 गंगा बिष्ट बी0एस0 कारंगा डा0 एन0एस0 सिंजवाली सहित 120 विद्यार्थियों एवं शिक्षकों द्वारा प्रतिभाग किया गया

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