
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) जे.एम.एस. राणा ने “Indian Knowledge System based Education & Research” विषय पर मुख्य व्याख्यान दिया। प्रोफेसर राणा ने भारतीय ज्ञान विज्ञान आधारित शिक्षण को वर्तमान सन्दर्भ में बहुत महत्वपूर्ण बताया ।
प्रोफेसर राणा ने कहा कि भारत को विकसित भारत बनाने की दिशा में भारतीय शिक्षण प्रणाली पर विशेष कार्य करने की आवश्यकता है। भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में हमें अपनी मूल भारतीय शिक्षण प्रणाली की तरफ लौटना होगा । हमारे भारतीय चिंतन का स्रोत शिक्षा है तथा समाज की प्रगति का आधार भी शिक्षा ही है । प्रोफेसर राणा ने कहा कि शिक्षा पाठ्यक्रम तक ही सीमित नहीं है अपितु अपने अंदर की अनवरत जिज्ञासा को जीवित रखना ही शिक्षा है । शिक्षा मात्र सिद्धांत ही नहीं है अपितु यह नित नूतन होगी व युगानुकूल होगी और शिक्षा से ही सृजन होगा। उन्होंने कहा कि समय-समय पर इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया जाना चाहिए जिससे कि अध्यापकों को नई नई शिक्षा तकनीकियों की जानकारी प्राप्त होती रहे। उन्होंने कहा कि फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम शिक्षकों के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत उपयोगी है।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि प्रो. (डॉ.) अनीता रावत ने अपने उद्बोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा विद्यार्थियों के साथ साथ शिक्षकों के लिए भी कई वैज्ञानिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है । उन्होंने कहा कि फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के माध्यम से विभिन्न नयी नयी वैज्ञानिक विधाओं और ज्ञान से विशेषज्ञों के द्वारा शिक्षकों को लाभान्वित किया जा रहा है तथा शिक्षकों के लिए विभिन्न एक्सपोजर विजिट का आयोजन भी किया जा रहा है। प्रो. रावत ने सभी प्रतिभागियों को नई शिक्षा नीति, स्किल डेवलपमेंट, पेपर पब्लिकेशन और पेटेंट इत्यादि के बारे में बताया। कुलपति प्रो. (डॉ.) नरेंद्र शर्मा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यक्रम में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों दिल्ली विश्वविद्यालय गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार, आईआईटी रुड़की, डीएवी कॉलेज देहरादून, पंतनगर विश्वविद्यालय पंतनगर से आए प्रतिभागी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।